गर्मी के कारण आने लगे चक्कर तो बचने का यह है आसान तरीका, लू लगे इससे पहले ही कर लें ये काम

गर्मी के कारण आने लगे चक्कर तो बचने का यह है आसान तरीका, लू लगे इससे पहले ही कर लें ये काम

भारत इस वक्त भीषण गर्मी से जूझ रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण हीटवेव और भी तेजी से बढऩे वाली है. साइंटिस्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण कुछ महीनों में हीट वेव लगातार बढ़ेगा. जिसमें हीट सिंकोप की दर अधिक है. हीट वेव के कारण लोगों को बेहोशी या चक्कर आने जैसी समस्या ज्यादा हो रही है. यह ऐसी स्थिति है जो आमतौर पर बहुत देर तक खड़े रहने या बैठने या लेटने के कारण होता है।

बेहोशी के ऐसे मामले अक्सर होते हैं और भारत में स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों में अक्सर देखे जाते हैं एक ऐसा देश जिसकी आबादी दुनिया में सबसे ज़्यादा है. लेकिन चक्कर आने की समस्या को अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है. क्योंकि माना जाता है कि तापमान में वृद्धि ही इसके लिए जि़म्मेदार है. हालांकि, काफी ज्यादा गर्मी पडऩे के कारण इसका बुरा असर शरीर पर पड़ता है।

हीट वेव के कारण चक्कर क्यों आते हैं?
भीषण गर्मी में जब तापमान बडऩे लगता है तो शरीर के अंदर का बैलेंस बिगड़ जाता है. ऐसे में स्वेटिंग शुरू होती है. जिसके कारण शरीर से काफी ज्यादा पसीना निकल जाता है.यही वजह है कि अक्सर लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. बाद में यही चक्कर का कारण बनती है।

गर्मी जब ज्यादा पड़ती है तो अक्सर लोग डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं. इसके कारण हीटबर्न और हीट स्ट्रोक जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दरअसल, शरीर में टेंपरेचर को मेंटेन नहीं कर पाता है. जिसके कारण टेंपरेचर बढ़ जाता है. शरीर को ऐसा करने से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

एक इंसान 42.3 डिग्री तक का तापमान हेंडिल कर सकता है. एक व्यक्ति बहुत ही ज्यादा गर्मी और ठंडा बर्दाश्त नहीं कर सकता है. ऐसी स्थिति में बेहोशी, चक्कर जैसी समस्या होती है. इसके कारण इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस का बिगड़ता है और फिर बेहोशी हो सकती है।

बेहोशी आने से पहले शरीर पर दिखाई देते हैं ये लक्षण
अधिक तापमान के कारण घबराहट महसूस होना, सिर में दर्द, प्यास लगना यह सब बेहोशी के संकेत हो सकते हैं. इस मौसम में शराब पीने से बचना चाहिए. क्योंकि इसस आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top