पेड़ काटे जाने की योजना का दून वासियों ने सड़क पर उतर कर किया विरोध

पेड़ काटे जाने की योजना का दून वासियों ने सड़क पर उतर कर किया विरोध

उबाल- दून घाटी को बचाने की ‘पर्यावरण बचाओ पदयात्रा’ में जुटे सैकड़ों दूनवासी

वीवीआईपी कैंट इलाके में 250 पेड़ गिराने सम्बन्धी योजना से उबाल

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देहरादून। वीवीआईपी कैंट इलाके में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर लगभग 250 पेड़ काटे जाने की योजना का दून वासियों ने सड़क पर उतर कर जमकर विरोध जताया। रविवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में युवा, महिलाएं, बुजुर्ग पर्यावरणविद व समाजसेवियों ने सड़क पर उतर कर पेड़ काटे जाने सम्वन्धी योजना का जनगीत गाकर व नारेबाजी कर अपना गुस्सा दिखाया। मौके पर उपस्थित लोगों ने पर्यावरण बचाओ पदयात्रा के जरिए शासन-प्रशासन को अपने तल्ख इरादे जाहिर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

गौरतलब है कि दिलाराम चौक से कैंट की दिशा में सीएम आवास की ओर जाने वाली सड़क के चौड़ीकरण के मद्देनजर कई पेड़ों पर निशान भी लगा दिए गए हैं। इस इलाके में राज्यपाल, मुख्यमंत्री ,मंत्रियों व सेना के निवास व अन्य महत्वपूर्ण संस्थान हैं। इस रोड के चौड़ीकरण को लेकर कटने वाले पेड़ों को लेकर सिटीजन फ़ॉर ग्रीन दून समेत कई अन्य स्वंयसेवी संस्थाओं ने विभिन्न माध्यमों से अपना विरोध जताया।जागरूक नागरिकों ने सोशल मीडिया में वृक्ष विहीन दून और बढ़ती गर्मी को लेकर अभियान छेड़ दिया। जनता के दबाव का ही असर रहा कि सीएम धामी को कहना पड़ा कि कैंट रोड चौड़ीकरण को लेकर पेड़ नहीं कटेंगे।

गौरतलब है कि इससे पूर्व खलंगा क्षेत्र में भी सैकड़ों पेड कटने को लेकर जनता ने पुरजोर विरोध किया। नतीजतन, खलंगा इलाके में भी शासन को पैर खींचने पड़े। इससे पूर्व रिंग रोड -रायपुर-सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण को लेकर सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। कभी सहस्त्रधारा रोड पुराने बेशकीमती व विशाल दरख्तों के लिए जानी जाती थी। इन विशाल पेड़ों के कारण सहस्त्रधारा रोड का अलग ही दिलकश नजारा देखने को मिलता था। लेकिन सड़क चौडीकरण के नाम पर सैकड़ों पेड़ जमीदोंज कर दिये गए।

हालांकि, काटे गए पेड़ों के एवज में नये पेड़ लगाने के भी खूब दावे किए। लेकिन अभी तक रोड के दोनों तरफ एक भी पौधा नहीं लगा। और जो कुछ पेड़ आस पास ट्रांसप्लांट किये गए। वे भी अभी तक फिर से नहीं फले। बहरहाल, दून वासियों की आज की हुंकार के बाद विकास के नाम पर हरियाली उजाड़ने की योजना अब परवान नहीं चढ़ पाएगी। आज की पर्यावरण बचाओ पदयात्रा में आम जनता की भागीदारी हौसला बढ़ाने वाली रही। पर्यावरण के कई अन्य बड़े रखवाले पदयात्रा से किनारा कर गए।

दून घाटी की बर्बादी की कीमत पर नहीं चाहिए विकास

देहरादून शहर के दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक रोड चौडीकरण के दौरान काटे जाने वाले 244 वृक्षों को बचाने और दून घाटी के पर्यावरण को बचाने के लिए आज एक विशाल जन जागरूकता अभियान चलाया गया आज सुबह 7 बजे पदयात्रा शुरू होने से पहले सिटीजंस फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोडा ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि, पर्यावरण बचाओ आांदोलन /पदयात्रा हमारे नेताओं और नीति निर्माताओं को समग्र रूप से जागरूक करने का एक सामूहिक प्रयास है. साथ ही आम जनमानस को सामान्य रूप से जागरूक करने का भी प्रयास है । साथ ही यह देहरादून घाटी के पर्यवरण को सुरक्षित रखने और बचाने के लिए एक जन जागरूकता अभियान के रूप में शुरू किया गया है।

प्रदर्शन में पर्यावरण विद डॉ. रवि चोपडा, जगमोहन मेहंदी रत्ता, विजय भट्ट, अनूप नौटियाल , ईरा चौहान, हिमांशु अरोड़ा, तन्मय ममगाईं , हिमांशु चौहान, अभिजय नेगी , जया सिंह, श्रीमती कमला पन्त, इंद्रेश मैखुरी, संजय कोठियाल समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे। वक्ताओं ने कहा कि – दून घाटी का जनमानस – पर्यावरण, जलसंसाधन की बर्बादी , के साथ अन्य प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा कर विकास नहीं चाहता है । मौजूद नागरिकों ने बल्लुपुर से पांवटा साहिब, आशारोडी से झाझरा, भानियावाला से ऋषिकेश और सुद्दोवाला से मसूरी के लिए बनने वाले मार्गों पर काटे जाने वाले हजारों पेड़ पौधों को बचाने का भी आह्वान किया।

आज के इस जनजागरूकता कार्यक्रम में जयदीप सकलानी और सतीश धौलाखंडी ने जनगीत गाये. मैड संस्था , पराशक्ति और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, पराशस्ति, आगाज़ फैडरेशन, यूथ क्लब के सदस्यों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किये । और नाटकों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के सन्देश दिए ! कार्यक्रम के अंतिम चरण में – ऋतू चटर्जी ने पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिलवाई ! कार्यक्रम का संचालन ईरा चौहान ने किया । कार्यक्रम में- आर टी आइ क्लब देहरादून ,सिटीजंस फॉर ग्रीन दून, दून सिटीजन फोरम, फ्रेंड्स ऑफ़ दून , संयुक्त नागरिक संगठन, एसएफआई, एस डी सी , धाद, बी टी डी टी , आर्यन ग्रुप के फैजी अलीम, अनीश लाल, रूचि सिंह राव, नेचर्स बड़ी, जे पी मैठाणी, हैरी, हिमांशु चौहान और शहर के कई वरिष्ठ नागरिकों और संगठनों ने भाग लिया।

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