ऋषिकेश के आकाश में कड़की बिजली, दूर तक सुनी गई गड़गड़ाहट
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नेगी के गीतों के संदेश से मास्टर जी को मिली संजीवनी
गीतों से सजी महफ़िल में उमड़े जनसैलाब ने साफ की चुनावी तस्वीर
ऋषिकेश। योग नगरी, लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी.. मास्टर जी..हजारों की भीड़ और उत्तराखंडियों के लिए योगनगरी ऋषिकेश की धर्मधाद ने भाजपा-कांग्रेस की नींद उड़ा दी । नेगीदा के पहाड़ी गानों के बीच थिरकता जनसैलाब..और हाथ में कुल्हाड़ी लिए निर्दलीय मास्टर दिनेश चंद्र। आरक्षित सीट ऋषिकेश नगर निगम के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी मास्टर जी के पक्ष में गीत संगीत से भरपूर राजनीतिक-सांस्कृतिक व सामाजिक उद्घोष की सुरताल का गवाह बना प्रसिद्ध आईडीपीएल का मैदान।
बीते दिन संचालक गणेश खुगशाल गणी ने धर्मदाद की व्याख्या कर मौजूद जनसमूह को एक नयी राजनीतिक इबारत लिखने की अपील की।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की मंच पर प्रभावी मौजूदगी से गंगा के वेग समान बह रहे विभिन्न संदेशों को दर्शकों व मतदाताओं ने बखूबी कैच कर भाजपा व कांग्रेस के कैम्प में हलचल मचा दी।
नेगी दा के लोकगीत की धुन के बीच कांग्रेस के बागी व निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश चन्द्र मास्टर जी अपने चुनाव चिह्न कुल्हाड़ी के साथ मंच से जनता का अभिवादन करते रहे।
कई घण्टे तक चले कार्यक्रम में लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने जनता की फरमाइश पर कई गढ़वाली गीत सुनाते हुए योगनगरी ऋषिकेश के साथ कई अन्य निकाय क्षेत्रों के चुनावी तापमान को एकाएक बढ़ा दिया।
इस सांस्कृतिक व राजनीतिक समागम से ऋषिकेश के आकाश में उमड़ घुमड़ रहे बादलों के बीच उत्तराखण्ड के स्वाभिमान की बिजली अवश्य कौंध गयी।
योगनगरी के आसमान में गीत संगीत की तरंगों के बीच कौंधी बिजली की यह चमक दूर दराज के शहरों के आसमान में भी दिखाई दी। चमक के कुछ समय बाद सुनाई देने वाली बिजली की कड़क किस- किस दल के तम्बुओं को राख करेगी? ऋषिकेश में उमड़े जनसैलाब के उठे हाथों ने बहुत कुछ साफ भी कर दिया है।