फूलों की घाटी के गदेरे में बढ़ा पानी, फंसे पर्यटक को सकुशल निकाला 

फूलों की घाटी के गदेरे में बढ़ा पानी, फंसे पर्यटक को सकुशल निकाला 

SDRF व स्थानीय पुलिस ने वैकल्पिक पुल बनाकर दर्जनों फंसे पर्यटकों को निकाला

जोशीमठ। मध्य हिमालय में हुई अचानक भारी बारिश के कारण फूलों की घाटी ट्रेकिंग मार्ग के गदेरे में अचानक पानी बढ़ने से कंक्रीट पुल बह गया। इस घटना में 189 पर्यटक फंस गए थे। SDRF व नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन की टीम ने एक अस्थायी पुल बनाकर सभी पर्यटकों को सुरक्षित पार कराया। “दोपहर में हमें सूचना मिली कि फूलों की घाटी ट्रेक पर एक पुल के टूटने से बड़ी संख्या में पर्यटक फंस गए हैं,” फूलों की घाटी रेंज की वन क्षेत्र अधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया। “स्थानीय पुलिस और वन विभाग के कर्मियों की मदद से तत्काल बचाव अभियान चलाया गया और कुछ घंटों में सभी 189 पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया गया।”

फंसे हुए पर्यटक महाराष्ट्र, दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों से थे। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार की सुबह पुलिस चौकी घांघरिया ने एसडीआरएफ टीम को सूचित किया कि फूलों की घाटी मार्ग पर पड़ने वाले गदेरे पर बने वैकल्पिक पुल के बहने के कारण कुछ यात्री फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने हेतु एसडीआरएफ टीम की आवश्यकता है।

सूचना मिलते ही पोस्ट घांघरिया से एसडीआरएफ टीम आरक्षी अरविंद सिंह के नेतृत्व में मय रेस्क्यू उपकरणों के तत्काल फूलों की घाटी के लिये रवाना हुई। फूलों की घाटी यात्रा मार्ग पर गदेरे में जलस्तर अधिक होने के कारण यात्रियों को गदेरा पार करने में असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। SDRF टीम द्वारा मौके पर पहुँचकर वैकल्पिक पुल का निर्माण करते हुए वहां उपस्थित सभी यात्रियों को सकुशल गदेरा पार कराया गया।

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी एक मनमोहक और आकर्षक गंतव्य है। यह भारतीय राष्ट्रीय उद्यान अपने दुर्लभ प्रजाति के पौधों और जानवरों की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। 3505 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह घाटी हर साल बड़ी संख्या में ट्रेकर्स और यात्रियों को आकर्षित करती है, जो इसकी प्राकृतिक भव्यता से अभिभूत होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top